कल दिल्ली सरकार का बजट विधान सभा में पेश किया गया। केजरीवाल सरकार का यह पहला बजट है। इस बजट से जनता को बहुत उम्मीदें थी। दर असल जनता की उम्मीदें तो इस पार्टी से तब से ही लगी है जब इस पार्टी का गठन हुआ। जब केजरीवाल जी की सरकार बनी तो यह उम्मीद विश्वास में बदल गयी। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या यह बजट जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी ?
बजट में शिक्षा का बजट लगभग दोगुना किया गया है। 236 नए स्कूल खोलने और 20,000 शिक्षकों की भर्ती करने का प्रस्ताव किया गया है। सरकारी स्कूलों में सभी क्लासों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। स्कूल, कॉलेजों एवं गाँव में फ्री वाई-फाई दिया जाएगा। नई स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। 3 आईटीआई और 5 पॉलिटेक्निक खोले जाने का प्रस्ताव है । स्वास्थ्य के बजट को भी करीब डेढ़ गुणा बढ़ा दिया गया है। पुनर्वास कालोनियों के घर फ्री होल्ड किए जाएंगे। 1,000 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने का प्रस्ताव है। गरीबों को मुफ्त में डायलिसिस की सुविधा देने का प्रस्ताव है। 10,000 नईं बसें लेने का प्रस्ताव है।
दिल्ली की जनता को और इससे ज्यादा क्या चाहिए ? पूरी तरह से यह बजट जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ऐसा प्रतीत होता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि यह बजट जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतरी है।
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