23 जनवरी, 2016
केजरीवाल नसीबवाले हैं जो बोतल में स्याही थी, तेजाब होता तो ? ये मेरे नहीं, माननीय न्यायालय के शब्द हैं। हम सब के दिमाग में भी यही बात आती है कि अगर कोई स्याही की बोतल अंदर तक ले जा सकता हैं तो उस बोतल में कुछ भी हो सकता है। आखिर उस महिला की जांच ठीक से क्यों नहीं की गयी ? उसको यह बोतल लेकर जाने कैसे और क्यों दिया गया ? अगर यही कांड किसी और प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ हुआ होता तो एक साथ कितने ही लोग बर्खास्त हो गए होते।
मामला यूँ है कि पिछले दिनों 17 जनवरी, 2016 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ओड इवन की सफलता के बाद जनता को धन्यवाद देने के लिए बुलाई गयी जनसभा में Z+ सुरक्षाप्राप्त दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल जी के मंच के सामने एक महिला जाकर उनके मुँह पर स्याही फेंक देती है, जब वह वहाँ मौजूद जनता को सम्बोधित कर रहे थे। ऐसी बात फिल्मों में तो दिखाई जाती रही है , लेकिन हकीकत में ऐसा होना बड़ा ही नामुमकिन सा है, क्योंकि दिल्ली पुलिस इस बात का दावा करती है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा बड़ी ही चक चौबंद है।
लेकिन इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया और भी चौंकाने वाली थी। एक साहब कह रहे थे, देखिये, इस घटना की हम निंदा करते हैं, लेकिन, जनता केजरीवाल जी से निराश है इसीलिय ऐसा हुआ. इस मुद्दे पर भी राजनीति ! मतलब कि जनता अगर निराश है तो मुख्यमंत्री पर हमला करने का हक़ मिल गया उसको ? अगर यही हमला उनकी पार्टी के नेता पर हुआ होता तो क्या ऐसा ही बयान देते ? इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं और वालंटियर्स का संयम भी देखने लायक था। वरना दूसरी पार्टी के नेताओं का भरी सभा में विरोध करने का खामियाजा पार्टी के कार्यकर्ता ही भुगताने लगते हैं.
कुछ लोग कह रहे हैं कि पंजाब का चुनाव है इसलिए आम आदमी पार्टी ही खुद के लोगों से ऐसा करवा रही है ताकि जनता की सहानुभूति मिले और चुनाव में फायदा हो। पहली बात तो ये है कि पंजाब में इस साल नहीं बल्कि अगले साल चुनाव हैं। अभी पिछले ही दिनों केजरीवाल जी की विशाल जनसभा 14 जनवरी, 2016 को ही मुक्तसर में शांतिपूर्वक संपन्न हुई है. वहां तो कोई ऐसी घटना नहीं हुई। इन लोगों की माने तो चुनाव पंजाब में है और सहानुभूति दिल्ली में ली जा रही है। साधुवाद है ऐसी सोच रखने वालों को।
इतना तो तय है कि यह मामला सुरक्षा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा हुई भारी चूक को दर्शाता है। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के साथ साथ प्रदेश की जनता भी इतनी बड़ी संख्या में वहां मौजूद थी तो दिल्ली पुलिस को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए थी। और इस हमलावर को भी माननीय न्यायालय द्वारा कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके।
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