21 फ़रवरी 2014
मोदी जी आज कल तूफ़ान प्रचार कर रहे हैं प्रधानमंत्री के पद के लिए। जनता को इस कदर बार बार समझा रहे हैं कि अगर वो प्रधानमंत्री नहीं बने या भाजपा सत्ता में नहीं आयी तो यह देश रसातल में चला जाएगा या फिर कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गयी तो यह देश तो बिका ही समझो। तरह तरह के आरोप मोदी जी कांग्रेस और उसके नेता पर लगाते हैं। उनकी इन बातों को सुनने में के लिए लोगों की भीड़ भी खूब लगी रहती है। अब ये अलग चर्चा का विषय है कि ये भीड़ आती है या लायी जाती है। राजनितिक दल पैसे देकर लोगों को रैली के लिए बुलाते हैं यह बात कई बार कही और महसूस की जा चुकी है।
लेकिन जिक्र की बात यह है कि क्या भाजपा और उसके लोग उतने ही दूध के धुले हैं जितनी कांग्रेस और कांग्रेसी बुरे हैं। मोदी जी, चलो आप तो शेर हो और आप में कुशल नेतृत्व करने की क्षमता है। लेकिन इन भाजपाइयों का क्या करें जिनके भ्रष्टाचार के कारनामे हम कई कई बार सुन चुके हैं। कैसे भूल जाएँ येदयुरप्पा जी को जिनको आपलोगों ने मुख्यमंत्री पद से हटाया था भ्रष्टाचार के कारण। अब वो फिर से आपकी पार्टी की शोभा बढ़ा रहे हैं। नितिन गडकरी जी पर भी ऐसे ही कुछ पुण्य कार्यों के इल्जाम लग चुके हैं।
आपकी पार्टी में तो एक से बढ़कर व्यापारी हैं। सत्ता में आने पर वो लोग अपना हित साधने में नहीं लग जायेंगे ? आपकी पार्टी रैलियों और चुनाव प्रचार में इतना पैसा खर्च कर रही है जाहिर सी बात है कि चंदे से ही यह सब कार्य मुमकिन हो पाता होगा। अब जो इतनी सारी रकम चंदे में देगा वो आपसे कुछ भी बदले में नहीं चाहता होगा, ये बात कुछ हजम नहीं होती। फिर तो वही भ्रष्टाचार और वही बुराइयाँ आपकी भी सरकार में होंगी जिसके कारण आप कांग्रेस सरकार को पानी पी पीकर कोसते हैं।
सिर्फ आपके ईमानदार होने से कुछ नहीं होगा मोदी जी, आपके साथ के लोगों की भी छवि स्वच्छ होनी बहुत जरूरी है। पहले एक ही विकल्प था, लेकिन अब कई सारे विकल्प आ गए हैं। जनता को भी खुद को अच्छे कहने वालों में से सबसे कम बुरे को चुनने का मौका मिल रहा है आजकल। अब वो जमाना गया जब कांग्रेस से रूठे तो भाजपा और भाजपा से रूठे तो कांग्रेस वाली बात होती थी। इसका नमूना अभी अभी आपने दिल्ली विधानसभा चुनाव में देख ही लिया है जहाँ आपकी पार्टी "एक ही विकल्प" नहीं बन पाई जैसा कि आपलोग सोचते थे। जनता को दूसरा विकल्प मिल गया और जनता उसके साथ चली गयी।
सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ हौआ खड़ा करने से ही फायदा नहीं होगा। हो सकता है कि लोग कांग्रेस से तो डर जाएँ लेकिन वोट आपके बदले किसी और "विकल्प" को दे दे।
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